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सोमवार, 27 जून 2011


गुरुवार, 16 जून 2011

जे डे की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरे पत्रकार


मुंबई में खोजी पत्रकार जे.डे. की हत्या के विरोध में भदोही के पत्रकारों ने सड़क पर उतारकर प्रदर्शन किया. इस दौरान जुलुस निकाल कर पत्रकारों ने अपना विरोध दर्ज कराया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरीश सिंह ने कहा की मीडिया ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़कर कई लोगो को जेल में भेजने का काम किया है. पर मीडियाकर्मी आज भी सुरक्षित नहीं है. कहा की उनकी हत्या लोकतंत्र की हत्या है. कहा की ख़बरों को संकलित करने के लिए पत्रकार अपनी जान हथेली पर रखकर काम करता है पर सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति सोचती भी नहीं. पत्रकारों ने जे.डे. के हत्यारों की गिरफ़्तारी की मांग की. इस मौके पर हरेन्द्र नाथ उपाध्याय {आज}, राधेमोहन श्रीवास्तव, नसीर कुरैशी, सर्वेश राय,  जैनुल बेग { उर्दू दैनिक}, बालगोविन्द यादव{कन्तिदूत},  प्रेस क्लब अध्यक्ष हरीश सिंह {संपादक- न्यू कान्तिदूत टाइम्स, जिला अपराध संवाददाता हिंदी दैनिक "आज" } के अलावा ,संजय श्रीवास्तव{ दूरदर्शन व प्रसार भारती},राधेमोहन श्रीवास्तव{ द-पायनियर}, साजिद अली अंसारी-{अमर उजाला} दिनेश पटेल { ज़ी-न्यूज़}, रोहित गुप्ता { महुआ न्यूज़}, होरीलाल यादव {दैनिक जागरण}, पंकज गुप्ता { जैन टी वी}, कैसर परवेज़ { अमर उजाला }, नैरंग खान [वारिस-ए-अवध}, रेहान हाशमी { आडिशन टाइम्स}, समसुद्दीन मुन्ना { सिटी केबल}, पंकज उपाध्याय { आज}, राम सृंगार  द्विवेदी { डी एन ए }, अशोक सिंह {अमर उजाला}, कृस्नानंद उपाध्याय {दैनिक जागरण}, चन्द्र शेखर दुबे{दैनिक जागरण}, शमशाद हसन { अमर उजाला} संजय उपाध्याय { डी एन ए}, नागेन्द्र सिंह { दैनिक जागरण}, मिथिलेश दुबे { अध्यक्ष- प्रेस क्लब भदोही व दैनिक जागरण} हसीब खान {कान्तिदूत} सहित अन्य   पत्रकार बंधू मौजूद रहे.

बुधवार, 1 जून 2011

प्रेस क्लब ने धूमधाम से मनाया पत्रकारिता दिवस

प्रेस क्लब अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी ने किया अतिथियों का स्वागत 
प्रेस क्लब भदोही के तत्वाधान में जनपद के जंगीगंज स्थित माँ विंध्यवासिनी इंटर कालेज के प्रांगण में ३० मई को पत्रकारिता दिवस एवं डॉ. श्यामकांत मिश्रा स्मृति अवार्ड का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अतिथि रहे उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता उच्चन्यायालय इलाहाबाद  जनाब जफ़र नैयर साहब, विशिस्ट अतिथि  उत्तर प्रदेश सरकार के स्थायी अधिवक्ता इलाहाबाद श्री एम सी त्रिपाठी. इस मौके पर भदोही  के सांसद पंडित गोरखनाथ पांडे, विधानसभा प्रभारी बसपा दिनेश सिंह, पत्रकार व बसपा नेता अजय मिश्रा, भाजपा नेता शैलेन्द्र दुबे, इस मौके पर पत्रकार राम श्रृंगार  द्विवेदी  {ब्यूरो चीफ- डीएनए }, प्रभुनाथ शुक्ल [ब्यूरो चीफ-हिंदुस्तान}, दिनेश पटेल {जी-टीवी}, रोहित गुप्ता { महुआ न्यूज़}, संजय श्रीवास्तव {दूरदर्शन} अरविन्द सिंह {दैनिक जागरण} रमेश मौर्य {हिन्दुस्तान} शमसुद्दीन मुन्ना{ सिटी न्यूज़} सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे. जिन्होंने आज की पत्रकारिता पर अपने विचार रखे.
इस मौके पर पूर्वांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरीश सिंह को उत्तरप्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता जफ़र नैयर साहब व प्रदेश सरकार के स्थायी अधिवक्ता एम सी त्रिपाठी ने पत्रकारिता में विशिष्ट योगदान के लिए   स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया . 
प्रेस क्लब भदोही के अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी ने अथितियों को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
कार्यक्रम की झलकियाँ ....
अतिथियों को 51 किलो की माला पहनकर  स्वागत  करते प्रेस क्लब अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी

अतिथियों को 51 किलो की माला पहनकर  स्वागत  करते प्रेस क्लब अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी
पूर्वांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष हरीश सिंह  को सम्मानित करते उ.प्र. सरकार के अपर महाधिवक्ता जफ़र नैयर साहब aur sthayi adhivakta एम सी त्रिपाठी

कार्यक्रम में मौजूद पत्रकार बंधू व अन्य

मंचासीन पत्रकार राजेश मिश्रा, दिनेश सिंह, सांसद गोरखनाथ पांडे, जफ़र नैयर साहब, एम सी त्रिपाठी व अजय शुक्ल

अपना गीत प्रस्तुत करते भोजपुरी गायक राजेश परदेशी

उ.प्र. सरकार के अपर महाधिवक्ता जफ़र नैयर साहब की बात पर फूट पड़े ठहाके
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कार्यक्रम को संबोधित करते पूर्वांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष हरीश सिंह, साथ में प्रेस क्लब भदोही अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी

गुरुवार, 14 अप्रैल 2011

पत्रकार अनिल वर्मा के पिता के निधन पर शोक

 डी डी न्यूज़ के पत्रकार व सुरियावां निवासी अनिल वर्मा के पिता भोलानाथ वर्मा का बुधवार की रात्रि हृदयाघात से निधन हो गया. इस मौके पर पूर्वांचल प्रेस क्लब के सभी पदाधिकारी व सदस्य श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. साथ ही दुखी परिवार को शांति प्रदान के लिए इश्वर से प्रार्थना करते हैं. इस मौके पर आयोजित शोकसभा में हरेन्द्र नाथ उपाध्याय {आज}, जैनुल बेग { उर्दू दैनिक}, बालगोविन्द यादव{कन्तिदूत},  प्रेस क्लब अध्यक्ष हरीश सिंह {संपादक- न्यू कान्तिदूत टाइम्स, जिला अपराध संवाददाता हिंदी दैनिक "आज" } के अलावा ,संजय श्रीवास्तव{ दूरदर्शन व प्रसार भारती},राधेमोहन श्रीवास्तव{ द-पायनियर}, साजिद अली अंसारी-{अमर उजाला} दिनेश पटेल { ज़ी-न्यूज़}, रोहित गुप्ता { महुआ न्यूज़}, होरीलाल यादव {दैनिक जागरण}, पंकज गुप्ता { जैन टी वी}, कैसर परवेज़ { अमर उजाला }, नैरंग खान [वारिस-ए-अवध}, रेहान हाशमी { आडिशन टाइम्स}, समसुद्दीन मुन्ना { सिटी केबल}, पंकज उपाध्याय { आज}, राम सृंगार  द्विवेदी { डी एन ए }, अशोक सिंह {अमर उजाला}, कृस्नानंद उपाध्याय {दैनिक जागरण}, चन्द्र शेखर दुबे{दैनिक जागरण}, शमशाद हसन { अमर उजाला} संजय उपाध्याय { डी एन ए}, नागेन्द्र सिंह { दैनिक जागरण}, मिथिलेश दुबे { अध्यक्ष- प्रेस क्लब भदोही व दैनिक जागरण} हसीब खान {कान्तिदूत} सहित एनी पत्रकार बंधू मौजूद रहे.

शनिवार, 9 अप्रैल 2011

भ्रस्टाचार के विरोध में एकजुट हुए पत्रकार

मशाल जुलूस निकाल कर किया अन्ना हजारे का समर्थन
लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे के समर्थन में देश  के कई संगठन सड़क पर उतर आए हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को कालीन नगरी भदोही के पत्रकारों ने पूर्वांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरीश सिंह के नेत्रित्व में मशाल जुलूस  निकालकर भ्रष्टाचार खत्म करने के नारे लगाए। नगर के स्टेशन रोड स्थित प्रेस क्लब कार्यालय से दर्जनों की संख्या में पत्रकार हाथ में  भ्रष्टाचार विरोधी नारे लिखीं तख्तियां व मशाल  थामी और सड़कों पर आए। स्टेशन रोड से शुरू हुआ जुलूस नगरपालिका परिसर में पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जुलुस को समाप्त किया, इस दौरान पत्रकारों ने हाथ में भ्रस्टाचार समाप्त करो. अन्ना  हजारे तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, भ्रष्टाचार खत्म करो, लोकपाल विधेयक लागू करो जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे. जुलुस में राधेमोहन श्रीवास्तव {द पायनियर} बालगोविन्द यादव {कान्तिदूत टाईम्स} नसीर कुरैशी { संपादक- सत्यम न्यूज़} पंकज उपाध्याय { आज}  सर्वेश राय { राष्ट्रिय सहारा} समसुद्दीन मुन्ना { सिटी न्यूज़} होरीलाल यादव व सलीम खान व फिरोज खान { दैनिक जागरण} दिनेश पटेल { ज़ी-न्यूज़} आफ़ताब आलम {राष्ट्रिय सहारा}  अखिलेश पाल { छात्र नेता} सन्देश दुबे {जिला प्रभारी पतंजलि योग समिति} आदि लोंगो ने  अन्ना हजारे के समर्र्थन में अपने विचार व्यक्त किए।

शनिवार, 19 मार्च 2011

प्रेस क्लब ने मनाया होली मिलन

 पूर्वांचल प्रेस क्लब व प्रेस क्लब भदोही के  संयुक्त तत्वाधान में शनिवार १९ मार्च को होली मिलाना समारोह का आयोजन संतरविदास नगर भदोही स्थित सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि  सांसद भदोही गोरखनाथ पांडे, विशिस्ट अतिथि युवा नेता राजन दुबे रहे, अध्यक्षता डॉ. लक्ष्मी धर चतुर्वेदी [आज], सञ्चालन मिथिलेश द्विवेदी [दैनिक जागरण ] ने किया, इस समारोह में पूर्वांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरीश सिंह, दिनेश पटेल [ ज़ी टीवी], रोहित गुप्ता [महुआ न्यूज़] जलील अहमद सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे. इस अवसर पर ब्लोगर मिथिलेश दुबे ने भी सहभागिता निभाई. 
सांसद गोरखनाथ पांडे  को अंगवस्त्रम भेट करते प्रेस क्लब अध्यक्ष- मिथिलेश द्विवेदी

हंसी ठिठोली करते सांसद, डॉ. लक्ष्मी धर चतुर्वेदी व राजन दुबे

मंचासीन क्रमशः बाएं से-- हरीश सिंह, सांसद, राजन दुबे, डॉ. चतुर्वेदी, प्रभुनाथ शुक्ल.

शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

कालीन निर्यातको एवं पत्रकारों के बीच मैत्री मैच

शुक्रवार को कालीन निर्माताओं/निर्यातको एवं पत्रकारों के बीच कैनवास बाल  क्रिकेट प्रतियोगिता मैत्री मैच का आयोजन हुआ, जिसमे पत्रकार एकादश  की टीम ने एक रन से हार का स्वाद चखा, निर्यातक एकादश  विजयी रही. खैर यह मैत्री  मैच था इसीलिए  सब खुश थे. 

हमने सोचा हार की ख़ुशी आप लोंगो के साथ भी बाँट लूं. सो मैच की कुछ झलकियाँ. आपके साथ भी.........
पत्रकार टीम के मैनेजर हरीश सिंह को इस्लामिक साफा बंधकर सम्मानित करते कमेटी के नसीरुद्दीन अंसारी

सम्मानित किये गए अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ के पूर्व अध्यक्ष रवि पटोदिया, निर्यातक हाजी मुजाहिद अंसारी, हरीश सिंह और पत्रकार राधेमोहन श्रीवास्तव [ द पायनियर ]


जीत की ख़ुशी चेहरे पर बिखेरे निर्यातक एकादश की टीम--- निर्यातक सौदागर अली, गुलाम रसूल, हाजी शाहिद हुसैन [ कप्तान] असलम महबूब, हसीब खान आदि.

हारने के बाद भी खुश दिखाई दे रही पत्रकारों की टीम. जिसमे शामिल है. कोच-राधेमोहन श्रीवास्तव{ द-पायनियर}, मैनेजर-हरीश सिंह { संपादक- न्यू कान्तिदूत टाइम्स, जिला अपराध संवाददाता हिंदी दैनिक "आज" }, कप्तान-साजिद अली अंसारी-{अमर उजाला }, उप-कप्तान--संजय श्रीवास्तव { प्रसार भारती}, दिनेश पटेल { ज़ी-न्यूज़}, रोहित गुप्ता { महुआ न्यूज़}, होरीलाल यादव {दैनिक जागरण}, पंकज गुप्ता { जैन टी वी}, कैसर परवेज़ { अमर उजाला }, नैरंग खान [वारिस-ए-अवध}, रेहान हाशमी { आडिशन टाइम्स}, समसुद्दीन मुन्ना { सिटी केबल} और साथ में हैं निर्यातक रवि पटोदिया, हाजी मुजाहिद हुसैन, हसीब खान


पुरस्कार वितरण और उपस्थित लोग

बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

भ्रष्ट सरकार से कैसे करें ईमानदारी की उम्मीद


क्या आप जानते हैं कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारत के नेताओं और उद्योगपतियों के कितने रुपये जमा हैं? आपको शायद विश्वास नहीं होगा, क्योंकि यह राशि इतनी बड़ी है कि हम पर जितना विदेशी कर्ज है, उसका हम एक बार नहीं, बल्कि 13 बार भुगतान कर सकते हैं। जी हां, स्विस बैंकों में भारत के कुल एक अरब करोड़ रुपये जमा हैं। इस राशि को यदि भारत के गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले 45 करोड़ लोगों में बांट दिया जाए तो हर इंसान लखपति हो जाए। अन्य बैंक जहां जमा राशि पर ब्याज देते हैं, वहीं स्विस बैंक धन को सुरक्षित रखने के लिए जमाकर्ता से धन लेते हैं। आज हमारे पास सूचना का अधिकार है तो क्या हम यह जानने का अधिकार नहीं रखते कि हमारे देश का कितना धन स्विस बैंकों में जमा है? क्या यह धन हमारे देश में वापस नहीं आ सकता? अवश्य आ सकता है। क्योंकि अभी नाइजीरिया यह लड़ाई जीत चुका है। नाइजीरिया के राष्ट्रपति सानी अबाचा ने अपनी प्रजा को लूटकर स्विस बैंक में कुल 33 करोड़ अमेरिकी डॉलर जमा कराए थे। अबाचा को पदभ्रष्ट करके वहां के शासकों ने स्विस बैंकों से राष्ट्र का धन वापस लाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी। जब नाइजीरिया के शासकों ने ऐसा सोच लिया तो हमारे शासक ऐसा क्यों नहीं सोच सकते? स्विस बैंकों से धन वापस निकालने की तीन शर्ते हैं। पहली, क्या वह धन आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए जमा किया गया है? दूसरी, क्या वह धन मादक द्रव्यों के धंधे से प्राप्त किया गया है और तीसरी, क्या वह धन देश के कानून को भंग करके प्राप्त किया गया है? इसमें से तीसरा कारण है, जिससे हम स्विस बैंकों में जमा भारत का धन वापस ले सकते हैं, क्योंकि हमारे नेताओं ने कानून को भंग करके ही वह धन प्राप्त किया है। हमारे खून-पसीने की कमाई को इन नेताओं ने अपनी बपौती समझकर विदेशी बैंकों में जमा कर रखा है, उसका इस्तेमाल हमारे ही देश की भलाई में होना चाहिए। आज आम आदमी की थाली जो कुल मिलाकर छोटे किसान और खेतिहर मजदूर की भी थाली है, खुद खाने वालों को खा रही है, जबकि सरकार का आकलन है कि लोग न केवल पहले की तुलना में ज्यादा खाने लगे हैं, बल्कि पहले से अच्छा भी खाने लगे हैं। खाने-पीने के सामान की कीमतों में वृद्धि रोकने में एकदम नाकाम सरकार इसी तरह के जख्म पर नमक छिड़कने वाले जवाब देकर अपने हाथ खड़े कर देती है। इसका मतलब यह है कि किसान तो भयावह हालात के बावजूद ज्यादा पैदा करके दिखला रहा है, मगर हाथ पर हाथ धरकर बैठी सरकार न तो यह सुनिश्चित कर पा रही है कि किसान को उसकी मेहनत का पूरा पैसा मिले और न ही यह कि जनता को उचित दर पर खाने-पीने का सामान मिले। इसलिए यह पूछना आवश्यक है कि इस बढ़ी हुई उपज दर के लाभों को बीच में कौन हड़प ले रहा है? सरकार उपदेश देती है कि लोग रोटी के साथ अब दाल और सब्जियां भी खाने लगे हैं और दूध-दही का उपभोग भी ज्यादा करने लगे हैं, इसलिए इन तमाम चीजों का उत्पादन भी बढ़ाया जाना चाहिए, सिर्फ खाद्यान्न का ही नहीं। मगर वह एक बार भी यह यकीन नहीं दिलाती कि पैदावार बढ़ेगी तो कीमतें घटेंगी। पैदावार बढ़ने पर सरकार निर्यात करके पैसा बनाने की सोचती है और फिर कमी होने पर उसी जींस का आयात करने लगती है, जैसा चीनी के मामले में हुआ। बहरहाल, आज नेताओं में धन को विदेशी बैंकों में जमा करने की जो प्रवृत्ति बढ़ रही है, उसके पीछे हमारे देश का कमजोर आयकर कानून है। इसी आयकर से बचने के लिए ही तो ये नेता, अधिकारी और भ्रष्ट लोग अपने धन को काले धन के रूप में रखते हैं। यदि आयकर कानून को लचीला बना दिया जाए तो इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। अभी हमारे देश में 10 लाख करोड़ रुपये काले धन के रूप में प्रचलित है। इस दिशा में कोई भी पार्टी कानून बनाने की जहमत नहीं उठाएगी, क्योंकि यदि किसी पार्टी ने इस दिशा में जरा भी हरकत की तो विदेशी कंपनियां उसे सत्ताच्युत कर देंगी। ये कंपनियां हमारे नेताओं को अपनी उंगलियों पर नचा रही हैं। यदि प्रजा जागरूक हो जाती है और नेताओं को इस बात के लिए विवश कर सकती है कि वह स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन को वापस ले आएं तो ही हम सब सही अर्थो में आजाद देश के नागरिक माने जाएंगे। इस धन के देश में आ जाने से न तो हमें किसी से भीख मांगने की आवश्यकता होगी और न ही हमारा देश पिछड़ा होगा। इस धन की बदौलत भारत का नाम पूरे विश्व में एक विकसित देश के रूप में गूंजेगा। आज इस देश को शक्तिशाली और ईमानदारी नेतृत्व की आवश्यकता है।

बुधवार, 12 जनवरी 2011

उत्तर प्रदेश के भदोही में करोंडो की मूर्ति चोरी

भदोही/उत्तरप्रदेश: देश की विरासत और प्राचीन धरोहरों पर अब संकट गहराने लगा है ! प्राचीन मंदिर जिनमे विराजमान  अति दुर्लभ अष्टधातु की मूर्तियों पर तस्करों की नजरे गड गयी है ! करोड़ो की इन दुर्लभ अष्टधातु की मुर्तिया तमाम सुरक्षा के बाद भी मंदिरों से चोरी होती जा रही है  ! मामला भदोही के गोपीगंज का है जहा के प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर से दो दुर्लभ अष्टधातु की मूर्ति और दर्जन भर ताम्बे की मुर्तियो  पर मंगलवार की रात चोरो ने हाथ साफ किया है ! मौके पर पहुची पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है और चोरो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस फिंगर प्रिट एक्सपर्ट और डाग स्क्वायर की भी मदद ले रही है ! चोरी हुई मुर्तिया हजारो साल पुरानी है और इन मूर्तियों की कीमत कई करोड़ रूपये आकी जा रही है !
     
दुर्लभ अष्टधातु की मुर्तिया हमारे देश के पुराने मंदिरों से चोरी कर अन्तररास्ट्रीय बजारों में करोड़ो में बेचीं जाती है ! तस्कर इन मूर्तियों को यहाँ से काफी कम दामो में खरीदते है और करोड़ो में सात समुन्द्र पार बेचते है ! इनका यह कारोबार चोरो व तस्करों  के माँध्यम से चलता है ! भदोही में हुई यह चोरी का कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी कई बार दुर्लभ अष्टधातु की मुर्तिया चोरी हो चुकी है ! और आज फिर चोरो ने दुर्लभ मूर्तियों पर हाथ साफ किया है ! गोपीगंज के सोनिया तालाब का यह राधा कृष्ण का बहुत ही पुराना मंदिर है और यह लोगो की आस्था का केंद्र रहा है ! चोरो ने मंदिर का मुख्य दरवाजा तोड़कर चोरी की इस बड़ी घटना को अंजाम दिया है ! चोरो ने इस मंदिर से अष्टधातु की दो मुर्तिया , हनुमान जी की मूर्ति से चांदी की आँखे और मंदिर में विराजमान दर्जन भर ताम्बे की मूर्तियों पर हाथ साफ किया है ! अति प्राचीन होने के कारण इन मूर्तियों की कीमत करोड़ो में बताई जा रही है ! स्थानीय लोगो की सुचना पर पहुची पुलिस जाँच में जुट गयी है ! पुलिस ने चोरो की गिरफ्तारी के लिए डाग स्क्वायर और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की भी मदद ली है लेकिन अभी तक पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है ! अपर   पुलिस अधीक्षक रुचिता चौधरी का कहना है की यह चोरी आम चोरो ने नहीं की है इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है ! वही पुलिस जल्द ही खुलासे का दावा कर रही है !
    चोरो ने इस चोरी को अंजाम देर रात में दिया है रात में कोहरे का सहारा लेकर इस चोरी  को किया गया है ! वही इस मामले के बाद स्थानीय लोगो में आक्रोश व्यापत है पुलिस के लापरवाही भरे रवैये  पर कई बार स्थानीय लोगो और पुलिस में नोक झोक हुई ! स्थानीय लोगो का कहना है की इस इलाके में चोरी की यह पहली घटना नहीं है इसके पहले भी कई बार चोरिया हुई है जिसकी सुचना पुलिस को दी गयी लेकिन पुलिस ने चोरियों की घटनाओ में लापरवाही दिखाई अगर पुलिस सतर्क होती तो आज यह इतनी बड़ी चोरी नहीं होती ! वही स्थानीय व्यापारियों और राजनैतिक दल पुलिस के ढुलमुल रवैये  को लेकर सड़क पर उतरने को तैयार है, स्थानीय निवासी
धर्मेन्द्र कुमार व मंदिर समिति के सदस्य  कृष्ण  कुमार  का कहना है की अगर जल्द ही मुर्तिया मंदिर में नहीं आई तो पूरा भदोही बंद करा दिया जायेगा और सभी स्थानीय आमरण धरने पर बैठ जायेगे !
  
दुर्लभ अष्टधातु की मूर्तियों की तस्करी के लिए भदोही साफ्ट टार्गेट के रूप में उभर रहा है इसके पहले भी भदोही से कई  दुर्लभ अष्टधातु की मुर्तिया बरामद हो चुकी है वह मुर्तिया वाराणसी ,प्रयाग ,अयोध्या से चोरी हुई थी ! वाराणसी और इलाहबाद के मध्य होने के कारण भदोही हमेशा से ही मूर्ति तस्करों की निगाह में है ! लेकिन इस बार यही के एक प्राचीन मंदिर को शिकार बनाया गया ! हलाकि पुलिस मामले में जल्द ही खुलासे की बात कर रही है और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट  भी बुलाये गए पर देखने से यही लगा की फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट सिर्फ खाना पूर्ति कर रहे थे क्योकि फिंगर प्रिंट लेते हुए फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट अपने हाथो में ग्लप्स तह नहीं पहने थे तो अंदाजा लगाया जा सकता है की जाँच में जुटी पुलिस किस तरह से जाँच कर रही है ! फ़िलहाल इस मामले को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाये व्याप्त हो चुकी है.