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गुरुवार, 17 जून 2010

पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल जायेगा जम्मू

उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद से पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल 27 जून को जम्मू जायेगा जो वहा पर पूर्वांचल से जाने वाले दर्शनार्थियों के बारे जानकारियां इकट्ठा करेगा , यह जानकारी देते हुए दैनिक जागरण के वरिस्थ  संवाददाता एवं प्रेस क्लब भदोही के अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी ने बताया की वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वालों के लिए केंद्र सरकार क्या सुविधाएँ मुहैया करा रही है और इसका कितना लाभ पूर्वांचल के लोगो को मिलता है इस बारे में लोंगो से जानकारी ली जाएगी साथ ही वहा के हालात आदि के बारे पत्रकार रूबरू होंगे , बताया की इस प्रतिनिधिमंडल में इलाहाबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक के संपादक श्रीकांत शाश्त्री, सीतामढ़ी से दैनिक जागरण के सुरेन्द्र दुबे, न्यू कान्तिदूत टाइम्स के संजू मिश्रा सहित अन्य पत्रकार शामिल होंगे,

बुधवार, 16 जून 2010

विज्ञापन प्रभारी पद से हटाये गए कुशुमेश त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश के भदोही ब्यूरो कार्यालय में दैनिक जागरण विज्ञापन प्रभारी पद पर कार्यरत कुशुमेश त्रिपाठी को इस कार्यालय से हटाकर वाराणसी कर दिया गया.सूत्रों का कहना है की उनके कार्य में काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी. साथ ही यह भी कहा जा रहा  है की उनके व्यवहार से क्षेत्रीय संवाददाता भी असंतुस्ट थे जिसके कारण जागरण का बिजनेस प्रभावित हो रहा था. यह आरोप इससे भी सच साबित होता है की भदोही तहसील कार्यालय में एक तहसील प्रभारी ने इन्ही के व्यवहार से असंतुस्ट होकर इस्तीफ़ा दे दिया था , उनके स्थान पर महेश गुप्ता ने कार्यभार ग्रहण किया है, श्री गुप्ता चंदौली जनपद में अमर उजाला कार्यालय में इसी पद पर कार्यरत थे.

शनिवार, 12 जून 2010

भदोही में पत्रकार उत्पीडन के न्यायिक जाँच का आदेश



उत्तर  प्रदेश के संत रविदास नगर भदोही  जनपद में पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ दिखाकर दो पत्रकारों के परिजनों को फंसाए जाने की न्यायिक  जाँच का आदेश  पंचायती राज विभाग मंत्री व विधान परिषद् सदस्य तथा  बहुजन  समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष   स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिलाधिकारी भदोही को दिया है.
 बता दे की २३ मई को भदोही जनपद के सुरियावां थाने की पुलिस ने नोट दुगुना करने वाले गिरोह का पर्दाफास करते हुए जौनपुर के अनवर नामक एक अपराधी को गिरफ्तार किया, इस मामले को प्रायोजित करते हुए पुलिस ने  अपना खुन्नस निकालते हुए अमर उजाला के पत्रकार अशोक कुमार सिंह के पुत्र आशीष सिंह व दैनिक जागरण के कृष्णानंद उपाध्याय के भतीजे  चन्दन उपाध्याय को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर पुलिस पर फायरिंग करते हुए फरार दिखाया , इस मामले को पूर्वांचल प्रेस क्लब व  प्रेस क्लब भदोही ने गंभीरता से लिया, ७ जून को दोनों संगठनो के पत्रकारों ने बैठक के उपरांत जिलाधिकारी कंचन वर्मा को पत्रक सौंपकर न्यायिक जाँच करने की मांग की किन्तु उन्होंने एस डी एम् भदोही ओम प्रकाश चौबे से साधारण जाँच कराने की बात कही, जो पत्रकारों को मंजूर नहीं था, लिहाजा आन्दोलन की रणनीति  तय की गयी, जिसके तहत आमरण अनसन सहित सड़क पर उतरने की तैयारी कर ली गयी, इससे पूर्व मंडलायुक्त से एक प्रतिनिधिमंडल ने न्यायिक जाँच की मांग की, किन्तु उन्होंने मिर्ज़ापुर जनपद पुलिस से जाँच कराने का आदेश दिया, पत्रकारों को पुलिस पर से भरोषा उठ गया था, लिहाजा एक प्रतिनिधिमंडल ११ जून को लखनऊ जाकर श्री मौर्या से मिला, मामले की गंभीरता समझ उन्होंने जिलाधिकारी श्रीमती कंचन वर्मा को न्यायिक जाँच का आदेश देने को आदेशित किया है.  

गुटबाजी का शिकार हुए हिंदुस्तान के भदोही ब्यूरो चीफ संजय शुक्ल

हिंदुस्तान हिंदी दैनिक के भदोही ब्यूरो  चीफ संजय शुक्ला अंतत:  यहाँ पर चल रही गुटबाजी का शिकार हो गए उन्हें इस पद से हटाकर वाराणसी कार्यालय में न्यूज़ डेस्क  पर नियुक्त कर दिया गया. ज्ञातव्य हो की हिंदुस्तान अख़बार काफी दिनों से भदोही जनपद में गुटबाजी का शिकार हो रहा है. यहाँ पर एक गुट अख़बार के लिए समर्पित है जबकि दूसरा गुट अख़बार के नाम पर खुद अपने लिए राजनिति करता है. यही वजह है की वाराणसी कार्यालय लाख प्रयासों के बाद जनपद में एक हजार से अधिक का प्रसार कर पाने में सक्षम नहीं रहा है. यही  नहीं अख़बार में जारी गुटबाजी का ही परिणाम    है की यह समाचार पत्र अभी तक जनपद में चौथे स्थान पर है. ऐसा नहीं है की वाराणसी कार्यालय द्वारा इसके लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया  बल्कि भदोही में सुधार  के लिए तेज तर्रार प्रभारी भेजे गए. लेकिन जनपद में जारी  जंग का ही परिणाम  रहा की सभी प्रभारियों को  बैरंग वापस होना पड़ा . कुछ माह पूर्व यहाँ पर संजय शुक्ल को प्रभारी बनाकर भेजा गया जो काफी तेज तर्रार भी थे, उन्होंने यहाँ के बारे में रिपोर्ट बनाकर वाराणसी कार्यालय भेजा. उस दौरान संपादक  रविशंकर पन्त हुआ करते थे. रिपोर्ट देखने के बाद भी उन्होंने कोई भी कदम उठाने में गुरेज़ दिखाया. करीब दो माह पूर्व जब राजकुमार सिंह यूनिट  के संपादक बन कर आये तो हिंदुस्तान समाचार पत्र  में पूरे पूर्वांचल में तहसील स्तर पर न्यूज़ सेंटर खोलने की बात चल रही थी लिहाजा संजय शुक्ल ने निजी हित में काम  करने वालो की सूची कार्यालय भेज दी, जब पहले से ही काबिज पत्रकारों को अपना पत्ता साफ होता नजर आया तो उन्होंने खुला खेल  खेलना शुरू करा दिया इसमें उनका साथ वाराणसी में बैठे एक डेस्क प्रभारी ने दिया जो अक्सर भदोही आते रहते हैं. काफी दिनों तक चली जद्दो जहद के बाद संजय शुक्ला को ही हार  का सामना करना पड़ा और उन्हें वापस वाराणसी बुला लिया गया, एक बार फिर यह साबित हो गया की निजी हित में कार्य करने वाला गुट वाराणसी गुट पर हावी है. हालाँकि संजय शुक्ल को हटने के बाद विरोधी गुट ने मिठाइयाँ भी बांटी .चर्चा है की हिंदुस्तान लाख प्रयास  कर ले किन्तु उसे गुटबाजी के चलते भदोही में सफलता मिलना कठिन है.

रविवार, 6 जून 2010

पत्रकार को मिला सम्मान

दैनिक जागरण के भदोही ब्यूरो कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ संवाददाता व प्रेस क्लब भदोही के अध्यक्ष  मिथिलेश द्विवेदी को भारत सरकार दूरसंचार विभाग [मंत्रालय सूचना प्रद्योगिकी एवं संचार] के सलाहकार समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है. यह जानकारी श्री द्विवेदी को भारत संचार निगम लिमिटेड [ बी.एस.एन.एल .] के निदेशक द्वारा भेजे गए पत्र के माध्यम से मिली है.
श्री द्विवेदी लगभग १८ वर्षो से पत्रकारिता कर रहे हैं. वर्तमान में दैनिक जागरण में कार्यरत श्री द्विवेदी स्वतंत्र भारत , हिंदी दैनिक आज , मुंबई से प्रकाशित दैनिक आवाज़,यशोभूमि, के अलावा २००२ से २००६ तक अमर उजाला में रहे. उन्होंने महात्मा गाँधी कशी विद्यापीठ से बी.जे. करने के पश्चात्, इलाहबाद  युनिवेर्सिटी  एम् जे किया तत्पश्चात राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से मिडिया और नारी पर शोध किया. श्री द्विवेदी के इस सामान से पत्रकारों में हर्ष है.

गुरुवार, 3 जून 2010

सच छापने का खामियाजा भुगत रहे पत्रकार

उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती  कहती है की उत्तरप्रदेश में कानून का राज कायम है जबकि उत्तरप्रदेश में पुलिस पूरी तरह निरंकुश हो गयी है. इसका जीता जागता उदाहरण है प्रदेश के संतरविदास नगर भदोही जनपद के सुरियावां थाना क्षेत्र का जहाँ पुलिस के खिलाफ निर्भीक होकर सच  छापने का खामियाजा दो पत्रकार भुगत रहे हैं. पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ दिखाकर पत्रकारों के परिजनों को झूठे मुकदमे  में फंसा दिया .
अमर उजाला के पत्रकार अशोक कुमार सिंह व दैनिक जागरण के पत्रकार कृस्नानंद उपाध्याय विगत २० वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हैं. गत दिनों जब सुरियावां थाने का कार्यभार एस ओ सुनील कुमार सिंह  ने संभाला तो क्षेत्र में अपराधो की बढ़ आ गयी जिसे दोनों पत्रकारों ने बेबाक होकर लिखना शुरू कर दिया, इस बात को लेकर एस ओ ने कई बार दोनों पत्रकारों को धमकियाँ भी दी किन्तु दोनों ने अपनी बेबाक लेखनी से समझौता नहीं किया, लिहाजा एस ओ  ने उन्हें परिवार सहित बर्बाद करने की धमकी तक  दे डाली.
थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों ने भिखारी राम पुर निवासी शिवनाथ यादव के दरवाजे से दो वाहन बोलेरो व इंडिका २२/०५/२०१० को सुबह ६ बजे जबरदस्ती उठा  लाये  [ जिसका हलफनामा शिवनाथ ने डीएम को भी दिया है] उससे पहले एस ओ ने जौनपुर  के एक अपराधी अनवर को भी थाने में बिठा रखा था. तत्पश्चात २३/०५/२०१० को शाम सवा सात बजे फर्जी मुठभेड़ दिखाया की अपराधी पुलिस पर फायरिंग करते हुए भाग निकले, इसमें अशोक कुमार सिंह के पुत्र आशीष कुमार सिंह व कृस्नानंद के भतीजे चन्दन उपाध्याय को फरार दिखाकर फर्जी मुकदमे में फंसा दिया गया, पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ भी अपराध संख्या ९९/१० धरा ४१९/४२०/५०६  व अपराध संख्या १००/१० धारा १४७/१४८/१४९/३०७ लिख लिया. जबकि आशीष २० मई से     २५ मई तक अस्पताल में भर्ती था वही चन्दन बाहर अध्ययनरत था. इस मामले को द्वय  पत्रकारों ने प्रमुख सचिव, मानवाधिकार सहित अन्य जगहों पर पत्र भेजा है.

घटना को लेकर पत्रकारों में रोष, न्यायिक जाँच की मांग 
पत्रकारों के परिजनों के खिलाफ हुए फर्जी मुकदमे को लेकर पूर्वांचल प्रेस क्लब की बैठक गुरुवार ३ मई को स्टेशन रोड स्थित क्लब के कार्यालय में हुयी जहाँ घटना को लेकर पत्रकारों ने रोष जताया, कहा की यदि घटना की न्यायिक जाँच नहीं की गयी तो पत्रकार सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे, इस दौरान प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरीन्द्रनाथ उपाध्याय, महासचिव साजिद अली अंसारी, हरीश सिंह, गोपीनाथ तिवारी, राधेमोहन श्रीवास्तव, बालगोविन्द यादव, वाजिद अली अली अंसारी,शमशाद हसन, संजय कुमार, पंकज उपाध्याय, नागेन्द्र सिंह, रिजवान सिद्दीकी, कैसर परवेज़ सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
इसी मामले को लेकर प्रेस क्लब भदोही की बैठक मिथिलेश द्विवेदी की अध्यक्षता में गोपीगंज में हुयी जहाँ घटना की निंदा करते हुए न्यायिक जाँच की मांग की गयी, बैठक में तमाम लोग मौजूद रहे.